कौशल विकास योजना
परिचय
भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंन्द्र मोदी ने 15 जुलाई 2015 को अन्तर्राष्ट्रीय युवा कौशल दिवस पर , नई दिल्ली में “राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन” के रुप में शुरुआत किया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में, “कौशल विकास योजना, केवल जेब में रुपये भरना ऐसा नहीं है, बल्कि गरीबों के जीवन को आत्मविश्वास से भरना है।”इसके अंतर्गत लगभग 40 करोड़ भारतीयों को 2022 तक प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
उद्श्य
1.गरीबी के कारण जो बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं उनके अन्दर छिपे कौशल को विकसित करना और साथ ही साथ उनके कौशल को सही दिशा में प्रशिक्षित करके गरीबी का उन्मूलन करना है।2.भारत की लगभग 65% जनसंख्या (जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है) को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये कौशल एंव अवसर प्रदान करना।3.कौशल विकास के साथ उद्यमिता और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना।4.सभी तकनीकी संस्थाओं को विश्व में बदलती तकनीकी के अनुसार गतिशील बनाना।
चुनौतियां
आज जिन हुनर और कौशल के प्रति हम आशान्वित हैं, जरूरी नहीं कि भविष्य में उनकी जरूरत बनी रहे। रोबोटिक्स, इंटरनेट, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, ई-कॉमर्स, आदि क्षेत्रों में जो क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं, वे करोड़ों मौजूदा नौकरियों को निगल जाएंगे।इसके अलावा, औद्योगिक जगत की कार्य-दशा पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
सुझाव और निष्कर्ष
सरकार को जिला स्तर पर शिक्षितों और अशिक्षितो के लिए प्रशिक्षण केंद्र तथा कार्यशाला खोलने का प्रयास करना चाहिए |छात्रों को गुणवता वाली शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि वे अपने विवेक का इस्तेमाल अपने हुनर को निखारने में कर सके |अतः कौशल भारत एक महत्वकांक्षी योजना है जिस पर अमल करने से हमारे युवायों को रोजगार मिलेगा और हमारे देश की तरक्की होगी |
Thanku
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