सौभाग्य योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 25 सितंबर 2017 को , प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना “सौभाग्य योजना” की शुरुआत की ।इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2018 के अंत तक देश में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण हासिल करना है जिसके लिए 16,320 करोड रुपए का राशि आवंटित की गई है।
विशेषता
वैसे लोगों को फ्री में कनेक्शन दिया जाएगा जो 2011 के जनगणना के अनुसार गरीबी रेखा के अंतर्गत आते हैं। जिन लोगों का नाम इस जनगणना में सामिल नहीं है उन लोगों को भी₹500 का भुगतान कर बिजली का कनेक्शन ले सकेंगे । जहां लाइट की सुविधा नहीं है वहां सोलर पैनल के साथ 5 LED बल्ब , और एक डीसी पंखा दिया जाएगा और अगले 5 सालों तक मरम्मत का सारा खर्चा सरकार उठाएगी। यह योजना के तहत बिहार उत्तर प्रदेश झारखंड उड़ीसा जम्मू कश्मीर राजस्थान एवं पूर्वोत्तर राज्य शामिल है।
फायदें
देश के सभी घरों में बिजली पहुंचने से शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह ना केवल लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि महिलाओं के दैनिक कार्यों में भी सुधार होगा।
चुनौतियां
सौभाग्य योजना की राह में सबसे बड़ी अड़चन उत्तर प्रदेश और बिहार हैं। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित 71% और बिहार के 85% घरों में अभी भी बिजली नहीं पहुंच पायी है। वर्तमान में डिस्कॉम पर एक हजार करोड़ रुपये का भारी कर्ज का बोझ है, इसके लिए 2018 के अंत तक सौभाग्य को लागू करना एक बड़ी चुनौती होगी।
सुझाव और निष्कर्ष
इसके सफल कार्यान्वयन के लिए ऊर्जा क्षेत्र में निचले अधिकारियों की भ्रष्टाचार और उदासीनता को कम किया जाना चाहिए।इसका सफल कार्यान्वयन स्मार्ट गांवों के निर्माण, ऊर्जा सुरक्षा को प्राप्त करने और दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है।
Thanku
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