लोकतंत्र में मीडिया का महत्व
परिचय
मीडिया यानि मीडियम या माध्यम। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. हालांकि वह लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का अंग नहीं है, लेकिन उसका महत्व इसलिए है कि वह उसके तीनों स्तंभों, विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका, के कामकाज पर नजर रखता है।
महत्व
आधुनिक युग में मीडिया का सामान्य अर्थ समाचार-पत्र, पत्रिकाओं, टेलीविज़न, रेडियो, इंटरनेट आदि से लिया जाता है। मीडिया का जन-जागरण में बहुत योगदान है जैसे-बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का अभियान, एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने का कार्य, लोगों को वोट डालने के लिये प्रेरित करना,बाल मज़दूरी पर रोक लगाने के लिये प्रयास करना,धूम्रपान के खतरों से अवगत कराना आदि अनेक कार्यों में मीडिया की भूमिका सराहनीय है।देश में भ्रष्टचारियों पर कड़ी नज़र रखता है।समय-समय पर स्टिंग ऑपरेशन कर इन सफेदपोशों का काला चेहरा दुनिया के सामने लाता है। इस प्रकार मीडिया हमारे लिये एक वरदान की तरह है।
दोष
भारत में मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश बढ़ता जा रहा है। मीडिया पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप लगाम कसना लगभग सभी सरकारों का प्रयास रहता है एवं मीडिया भी पैसा कमाने के लालच में समाज को गुमराह कर रहा है। आज हमारे समाचार पत्र अपराध की खबरों से भरे रहते हैं। जबकि सकारात्मक समाचारों को स्थान ही नहीं मिलता । यदि मिलता भी है तो बीच के पन्नों पर कहीं किसी छोटे से कोने में।
निष्कर्ष
मीडिया अपराध की खबरों को दिखाए पर सकारात्मक समाचारों से भी किनारा न करे। समाज में फैली बुराइयों के अलावा विकास को भी दिखाए ताकि आम आदमी निराशा में डूबा न रहे कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता। अत: किसी भी देश व समाज के निर्माण में मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
Thanku
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