तीन तलाक
परिचय
भारत में तीन तलाक वह कुप्रथा है जिसमें कोई मुसलमान पुरुष अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोलकर ,लिखकर या किसी भी e-संदेश द्वारा भेजकर उससे तलाक कर लेता है।तलाक का यह जरिया मुस्लिम पर्सनल लॉ के हिसाब से कानूनी है लेकिन मुसलमान के पवित्र ग्रंथ कुरान में इसका कोई जिक्र नहीं है।
तीन तलाक के वजह से मुस्लिम महिलाओं को डर- डर के रहना पड़ता है, क्योंकि यह तीन शब्द उनकी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं | यह मानवीय हकों का उल्लंघन है, भारतीय कानून के हिसाब से स्त्री और पुरुष को दोनों को समान हक्क होते हैं पर तीन तलाक के मामले में महिलाओं पर यह एक प्रकार से अन्याय होता है| चूंकि ज्यादातर मुस्लिम महिलाएँ अपने शौहर पर निर्भर होती है| अतः तलाक के बाद मुस्लिम महिलाएँ के सामने अचानक से बच्चो की जिम्मेदारी, आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दुनिया के 22 ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक पूरी तरह बैन है। अच्छी बात यह है कि इस सूची में पाकिस्तान, बांग्लादेश, सीरिया सहित कई मुस्लिम देश भी हैं।मिस्र दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां तीन तलाक को पहली बार बैन किया गया था। 1947 में भारत और पाकिस्तान एक साथ अलग हुए लेकिन, तीन तलाक को बैन करने में हमारा पड़ोसी हमसे कई कदम आगे है।
सर्वोच्य न्यायालय ने तत्काल इस पर रोक लगा दी और संसद को सुझाव दिया गया की इस पर ठोस कानून बनाया जाए | केंद्र सरकार ने कानून का प्रारूप तैयार किया | जिसके तहत तीन साल की सजा और गुजारा भता को शामिल किया गया | लोकसभा ने इस विधेयक को पारित कर दिया है लेकिन राज्यसभा में इसे विचाराधीन रखा गया है |
निष्कर्ष
यह कोई धार्मिक मामला नहीं है बल्कि सती प्रथा, दहेज़ प्रथा तथा बाल विवाह जैसी कुप्रथा है। अतः हमें सरकार का समर्थन करना चाहिए तभी सबका साथ सबका विकास संभव हो पाएगा।
Thanku
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