EKLAVYA CAMPUS
परिचय
भारत का गौरव जिसकी कामयाबी के आगे दुनिया सिर झुकाती है। जिस पर हर भारतीय को गर्व है उसका नाम है “इसरो” यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन। जिसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को डॉ विक्रम साराभाई के नेतृत्व में किया गया था इसका मुख्यालय बंगलुरु, कर्नाटक में है तथा इसके भारत देश में कुल 21 शहरो में स्पेस सेंटर है। इसरो का प्रमुख उद्देश्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास तथा विभिन्न राष्ट्रीय आवश्यकताओं में उनका उपयोग करना है।
विस्तृत भाग
सन 1979 तक इसरो अपने खुद के पूर्ण स्वदेशी सैटेलाइट बनाने में तो कामयाबी हासिल कर चुका था पर उसे अभी भी अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए दूसरे देशों की सहायता लेनी पड़ती थी लेकिन 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान SLV -3 बनाकर इसे स्पेस में भी सफलता के साथ लॉन्च कर दिया। आपको यह जानकर गौरव होगा की अमेरिका, जापान, रूस, चीन, फ्रांस के साथ भारत विश्व के उन देशों में शामिल है जो अपने देश में सैटेलाइट बनाने के साथ उसे अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता रखता है।
उपलब्धि
इसके कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर नजर डालते हैं ।आर्यभट्ट इसरो का पहला उपग्रह था जो की 19 अप्रैल 1975 लॉन्च किया गया था। सन 22 अप्रैल 2008 को चंद्रयान -1 लॉन्च किया । भारत विश्व में एकलौता ऐसा देश है जिनसे पहली ही बार में मंगलयान के माध्यम से मंगल ग्रह पर पहुंचने में सफलता प्राप्त किया।इसरो ने 15 फ़रवरी 2017 को PSLV-C37 द्वारा एक साथ 104 सैटेलाइट्स पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करके सबसे अधिक सैटेलाइट्स लांच करने का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
निष्कर्ष
हम वास्तव में भाग्यशाली हैं कि हमारा अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो हमे अंतरिक्ष में झांकने का मौका देता है जिससे हम वहां हो रही गतिविधियों की जानकारी व रहस्मयी घटनाओं की खोज की सही जानकारी प्राप्त कर सकते है।
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